Saturday 29 July 2017

कैसे बनाए अंकुरित मूंग सलाद

अंकुरित मूंग सलाद बनाना बहुत ही आसान है साथ के साथ स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभ दायक भी है। यह सलाद अकुंरित मूंग से बनता है, तथा यह उन लोगो के लिए ज्यादा अच्छा और फायदेमंद है जिनके पास समय की कमी रहती है। खास कर वह लोग जिनके पास खाना पकाने हेतु उपयुक्त समय नहीं रहता, और उन्हे पूर्ण रूप से खाना बनाना भी नहीं आता। यह नुस्खा उन लोगो के लिए है जो लोग होस्टल में पढ़ते व रहते है, घर वालो से दुर रहते है, अपने ऑफिस के काम की वजह से तो कभी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए।

तो तैयार हो जाईए और जाने इस नुस्खे को बनाने की विधि के बारे में।
मूंग को अंकुरित करने के लिए, पहले मूंग को साफ कर उसमें से सारे पत्थर निकालकर धो लें और 6 से 8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। मूंग को दुबारा धोकर पानी छान लें। बाद में गिले सूती के कपड़े में लपेटकर 10-12 घंटे के लिए लटका दें (मौसम के अनुसार) या जब तक आपको अंकुर ना दिखने लगे। कपड़ा सूखने पर पानी छिड़कते रहें। छोटे अंकुर आने पर, यह खाने के लिए तैयार हैं। अंकुरित मूंग जीवीत खाद्य पदार्थ है। आपके अंकुरित दानों को फ्रिज में रखने के बाद भी, यह बढ़ते रहेंगे और इनके विटामीन की मात्रा भी बढ़ती रहेगी। यह आहार में पौष्टिक्ता बढ़ाते हैं, साथ ही, इसका हल्का कुरकुरापन और मीठा स्वाद व्यंजन में स्वाद प्रदान करता है।
संग्रह करने के तरीके
• अंकुरित दाने को 2 दिन के अंदर प्रयोग करें और इनका प्रयोग करने से पहले धो लें।
• अंकुरित दाने किटाणू से जल्दी खराब हो जाते हैं, इसलिए खाने से पहले, इन्हें धोना ज़रुरी होता है।
स्वास्थ्य विषयक
• अंकुरित मूंग विटामीन, मिनरल, प्रोटीन और एन्ज़ाईम का बेहतरीन सरोत है।
• अंकुरित मूंग जैविक होते हैं और इन्हें कभी भी और कहीं भी बनाया जा सकता है।
• अंकुरित मूंग पचाने में आसान होते हैं। इसमें भरपुर मात्रा में एन्ज़ाईम इसे पचाने में आसान बनाते हैं।
सामग्री (2-3 लोगो के लिए)
1 कप अंकुरित मूंग
¼ कप बारीक कटा हुआ शिमला मिर्च
1 बड़ा चम्मच हरा प्याज़ बारीक कटा हुआ
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा हुआ हरा धनिया
गार्निशिंग के लिए
1  छोटा चम्मच बारीक कटा हुआ लहसुन
1 छोटा चम्मच तेल
1 छोटा चम्मच सोया सौस
2 छोटे चम्मच सफ़ेद सिरका
½ चम्मच चीनी
½ छोटा चम्मच कुटी हुई लाल मिर्च  
2 बड़े चम्मच दरदरी कुटी हुई भुनी मूंगफली
स्वादानुसार काला नमक
विधि
एक कढाई में तेल डाल के गरम करे तेल में लहसुन डाल के सुनहरा होने तक भून ले फिर गैस बंद करके ठंडा होने दे।
अब भुने हुने लहसुन में सोया सौस, सफ़ेद सिरका, चीनी, मिर्च, नमक और मूंगफली डाल के अच्छे से मिला के गार्निशिंग तैयार कर ले।
अब एक बर्तन में अंकुरित मूंग, शिमला मिर्च मिलाये, पहले से तैयार गर्निशिंग मिला के अच्छे से मिक्स कर ले, ऊपर से हरी धनिया, और हरे प्याज़ से सजा के तुरंत परोसे या फिर फ्रिज में रख के ठंडा करके परोसे फिर एक नींबू काट कर पूरा निचोड ले।

अंकुरित मूंग की दाल के 10 अद्भुत फायदे

मूंग की दाल का सेवन आप सब ने किसी न किसी रूप में ज़रूर किया होगा। मूंग की दाल की कई रेसपी जैसे मूंग की दाल, मूंग सैंडविच, अंकुरित मूंग की दाल सलाद, मूंग दाल की खिचड़ी, मूंग दाल की बरिया, मूंग दाल का लड्डू और सबसे स्पेशल रेसपी मूंग दाल का हलवा आदि व्यंजनों को आप सब ने ज़रूर टेस्ट किया होगा। मूंग की दाल का उपयोग केवल व्यंजन बनाने के लिए नहीं बल्कि वज़न घटाने के लिए भी लोग इसका उपयोग करते है क्योंकि अंकुरित मूंग की दाल के सेवन से शरीर में कुल 30 कैलोरी और 1 ग्राम फ़ैट ही पहुंचता है।
अंकुरित मूंग दाल में कई पोषक तत्व जैसे मैग्‍नीशियम, कॉपर, फ़ोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन, विटामिन सी, विटामिन बी, फ़ाइबर, पौटेशिय, कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी -6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन आदि मौजूद होते है इसलिए इसका सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है।
फ़ायदेमंद अंकुरित मूंग की दाल :
पोषक तत्वों से परिपूर्ण:-
पोषक तत्वों से परिपूर्ण संतुलित आहार और उचित पोषक तत्वों को पाने के लिए नियमित अंकुरित मूंग की दाल का सेवन अवश्‍य करें क्योंकि यह शरीर में आवश्‍यक तत्‍वों की कमी हो पूरा कर शरीर को हृष्ट पुष्ट बनाती है। मूंग दाल की अंकुरण की अवस्था में बीजों में विटामिन सी, आयरन तथा फ़ास्फ़ोरस की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। इतना ही नहीं अंकुरण के बाद विभिन्न दालों में पाया जाने वाला स्टार्च, ग्लूकोज़ में तथा फ्राक्टोज़, माल्टोज़ में बदल जाता है। इससे इनका स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही वे सुपाच्य भी हो जाती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं:-
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने व बीमारियों से लड़ने के लिए नियमित मूंग की दाल का सेवन करें। यह शरीर को ताक़त प्रदान करती हैं। इसमें मौजूद एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ़्लामेट्री गुण शरीर की इम्‍यूनिटी पॉवर को बढ़ाते हैं।
कब्‍ज़ में राहत:-
कब्‍ज़ में राहत प्रदान करें अंकुरित मूंग की दाल में फ़ाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो पाचन क्रिया को ठीक कर कब्ज़ से छुटकारा दिलाती है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें:-
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें अंकुरित मूंग की दाल में मौजूद पेप्टिसाइड बीपी को संतुलित और शरीर को फ़िट रखती है जिससे आप हेल्दी और एक्टिव बने रहते है।
आयरन का अच्छा स्रोत:-
आयरन का अच्छा स्रोत मूंग की दाल आयरन का एक अच्छा स्रोत है। एनीमिया के रोग से बचने के लिए व आयरन की कमी को दूर करने के लिए मूंग की दाल का भरपूर सेवन करें।
वज़न घटाने में मददगार:-
वज़न घटाने में मददगार अगर आप मोटापे से परेशान है और वज़न घटाना चाहते है तो अंकुरित मूंग की दाल का सेवन करें क्योंकि ये न सिर्फ़ आपकी कैलोरी घटाती है बल्कि आपको लंबे समय तक भूख भी नहीं लगने देती। इसलिए रात के खाने में आप चपाती के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाएं जिससे आपको भरपूर पोषण भी मिलेगा।
मूंग दाल के लाभ :
कब्ज़:-
अगर आपको कब्ज़ हो जाएँ तो मूंग की दाल की खिचड़ी खाएं क्योंकि मूंग दाल की खिचड़ी खाने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। 2. किसी भी बीमारी के बाद शरीर बहुत कमज़ोर हो जाता है।तो इस कमजोर शरीर को हृष्ट पुष्ट बनाने के लिए नियमित मूंग की दाल का सेवन करें।
दाद, खाज-खुजली:-
अगर आप दाद, खाज-खुजली की समस्या से परेशान है तो मूंग की दाल को छिलके के साथ पीस कर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगा लें इससे बेहद आराम मिलेगा।
त्वचा एवं बाल :-
अंकुरित मूंग की दाल आपकी त्वचा से लेकर आपके बालों को निखारने में मदद करती हैं। अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो आप अंकुरित दाल की एक कटोरी रोज़ सुबह नाश्‍ते में लें। ऐसा करने से आपके बालों को सही पोषण मिलेगा।
तो आज से ही अंकुरित मूंग की दाल का नियमित सेवन करें और रक्त अल्पता, हडि्डयों की बीमारियां, मानसिक तनाव, कब्ज़, अनिद्रा, बवासीर, मोटापा तथा पेट के कई अन्य रोगों से छुटकारा पाएं।

Tuesday 25 July 2017

चिरचिटा या अपामार्ग (Chaff Tree) के 20 अद्भुत फ़ायदे :


अपामार्ग या चिरचिटा (Chaff Tree) का पौधा भारत के सभी सूखे क्षेत्रों में उत्पन्न होता है यह गांवों में अधिक मिलता है खेतों के आसपास घास के साथ आमतौर पाया जाता है इसे बोलचाल की भाषा में आंधीझाड़ा या चिरचिटा (Chaff Tree) भी कहते हैं-अपामार्ग की ऊंचाई लगभग 60 से 120 सेमी होती है आमतौर पर लाल और सफेद दो प्रकार के अपामार्ग देखने को मिलते हैं-सफेद अपामार्ग के डंठल व पत्ते हरे रंग के, भूरे और सफेद रंग के दाग युक्त होते हैं इसके अलावा फल चपटे होते हैं जबकि लाल अपामार्ग (Red Chaff Tree) का डंठल लाल रंग का और पत्तों पर लाल-लाल रंग के दाग होते हैं।


  • इस पर बीज नुकीले कांटे के समान लगते है इसके फल चपटे और कुछ गोल होते हैं दोनों प्रकार के अपामार्ग के गुणों में समानता होती है फिर भी सफेद अपामार्ग(White chaff tree) श्रेष्ठ माना जाता है इनके पत्ते गोलाई लिए हुए 1 से 5 इंच लंबे होते हैं चौड़ाई आधे इंच से ढाई इंच तक होती है- पुष्प मंजरी की लंबाई लगभग एक फुट होती है, जिस पर फूल लगते हैं, फल शीतकाल में लगते हैं और गर्मी में पककर सूख जाते हैं इनमें से चावल के दानों के समान बीज निकलते हैं इसका पौधा वर्षा ऋतु में पैदा होकर गर्मी में सूख जाता है।


अपामार्ग तीखा, कडुवा तथा प्रकृति में गर्म होता है। यह पाचनशक्तिवर्द्धक, दस्तावर (दस्त लाने वाला), रुचिकारक, दर्द-निवारक, विष, कृमि व पथरी नाशक, रक्तशोधक (खून को साफ करने वाला), बुखारनाशक, श्वास रोग नाशक, भूख को नियंत्रित करने वाला होता है तथा सुखपूर्वक प्रसव हेतु एवं गर्भधारण में उपयोगी है।


चिरचिटा या अपामार्ग (Chaff Tree) के 20 अद्भुत
फ़ायदे :

1. गठिया रोग : 
  • अपामार्ग (चिचड़ा) के पत्ते को पीसकर, गर्म करके गठिया में बांधने से दर्द व सूजन दूर होती है।
2. पित्त की पथरी : 
  • पित्त की पथरी में चिरचिटा की जड़ आधा से 10 ग्राम कालीमिर्च के साथ या जड़ का काढ़ा कालीमिर्च के साथ 15 ग्राम से 50 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से पूरा लाभ होता है। काढ़ा अगर गर्म-गर्म ही खायें तो लाभ होगा।
3. यकृत का बढ़ना : 
  • अपामार्ग का क्षार मठ्ठे के साथ एक चुटकी की मात्रा से बच्चे को देने से बच्चे की यकृत रोग के मिट जाते हैं।
4. लकवा :
  • एक ग्राम कालीमिर्च के साथ चिरचिटा की जड़ को दूध में पीसकर नाक में टपकाने से लकवा या पक्षाघात ठीक हो जाता है।
5. पेट का बढ़ा होना या लटकना : 
  • चिरचिटा (अपामार्ग) की जड़ 5 ग्राम से लेकर 10 ग्राम या जड़ का काढ़ा 15 ग्राम से 50 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम कालीमिर्च के साथ खाना खाने से पहले पीने से आमाशय का ढीलापन में कमी आकर पेट का आकार कम हो जाता है।
6. बवासीर : 
  • अपामार्ग की 6 पत्तियां, कालीमिर्च 5 पीस को जल के साथ पीस छानकर सुबह-शाम सेवन करने से बवासीर में लाभ हो जाता है और उसमें बहने वाला रक्त रुक जाता है।
  • खूनी बवासीर पर अपामार्ग की 10 से 20 ग्राम जड़ को चावल के पानी के साथ पीस-छानकर 2 चम्मच शहद मिलाकर पिलाना गुणकारी हैं।
7. मोटापा : 
  • अधिक भोजन करने के कारण जिनका वजन बढ़ रहा हो, उन्हें भूख कम करने के लिए अपामार्ग के बीजों को चावलों के समान भात या खीर बनाकर नियमित सेवन करना चाहिए। इसके प्रयोग से शरीर की चर्बी धीरे-धीरे घटने भी लगेगी।
8. कमजोरी : 
  • अपामार्ग के बीजों को भूनकर इसमें बराबर की मात्रा में मिश्री मिलाकर पीस लें। 1 कप दूध के साथ 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से शरीर में पुष्टता आती है।
9. सिर में दर्द : 
  • अपामार्ग की जड़ को पानी में घिसकर बनाए लेप को मस्तक पर लगाने से सिर दर्द दूर होता है।
10. संतान प्राप्ति : 
  • अपामार्ग की जड़ के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ मासिक-स्राव के बाद नियमित रूप से 21 दिन तक सेवन करने से गर्मधारण होता है। दूसरे प्रयोग के रूप में ताजे पत्तों के 2 चम्मच रस को 1 कप दूध के साथ मासिक-स्राव के बाद नियमित सेवन से भी गर्भ स्थिति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
11. मलेरिया : 
  • अपामार्ग के पत्ते और कालीमिर्च बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें, फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर मटर के दानों के बराबर की गोलियां तैयार कर लें। जब मलेरिया फैल रहा हो, उन दिनों एक-एक गोली सुबह-शाम भोजन के बाद नियमित रूप से सेवन करने से इस ज्वर का शरीर पर आक्रमण नहीं होगा। इन गोलियों का दो-चार दिन सेवन पर्याप्त होता है।
12. गंजापन : 
  • सरसों के तेल में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।
13. दांतों का दर्द और गुहा या खाँच (cavity) : 
  • इसके 2-3 पत्तों के रस में रूई का फोया बनाकर दांतों में लगाने से दांतों के दर्द में लाभ पहुंचता है तथा पुरानी से पुरानी गुहा या खाँच को भरने में मदद करता है।
14. खुजली :
  • अपामार्ग के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फूल और फल) को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें और इससे स्नान करें। नियमित रूप से स्नान करते रहने से कुछ ही दिनों cavity में खुजली दूर जाएगी।
15. आधाशीशी या आधे सिर में दर्द : 
  • इसके बीजों के चूर्ण को सूंघने मात्र से ही आधाशीशी, मस्तक की जड़ता में आराम मिलता है। इस चूर्ण को सुंघाने से मस्तक के अंदर जमा हुआ कफ पतला होकर नाक के द्वारा निकल जाता है और वहां पर पैदा हुए कीड़े भी झड़ जाते हैं।
16. ब्रोंकाइटिस : 
  • जीर्ण कफ विकारों और वायु प्रणाली दोषों में अपामार्ग (चिरचिटा) की क्षार, पिप्पली, अतीस, कुपील, घी और शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से वायु प्रणाली शोथ (ब्रोंकाइटिस) में पूर्ण लाभ मिलता है।
17. खांसी : 
  • खांसी बार-बार परेशान करती हो, कफ निकलने में कष्ट हो, कफ गाढ़ा व लेसदार हो गया हो, इस अवस्था में या न्यूमोनिया की अवस्था में आधा ग्राम अपामार्ग क्षार व आधा ग्राम शर्करा दोनों को 30 मिलीलीटर गर्म पानी में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से 7 दिन में बहुत ही लाभ होता है।
18. गुर्दे का दर्द : 
  • अपामार्ग (चिरचिटा) की 5-10 ग्राम ताजी जड़ को पानी में घोलकर पिलाने से बड़ा लाभ होता है। यह औषधि मूत्राशय की पथरी को टुकड़े-टुकड़े करके निकाल देती है। गुर्दे के दर्द के लिए यह प्रधान औषधि है।
19. गुर्दे के रोग : 
  • 5 ग्राम से 10 ग्राम चिरचिटा की जड़ का काढ़ा 1 से 50 ग्राम सुबह-शाम मुलेठी, गोखरू और पाठा के साथ खाने से गुर्दे की पथरी खत्म हो जाती है । या 2 ग्राम अपामार्ग (चिरचिटा) की जड़ को पानी के साथ पीस लें। इसे प्रतिदिन पानी के साथ सुबह-शाम पीने से पथरी रोग ठीक होता है।
20. दमा या अस्थमा :  
  • चिरचिटा की जड़ को किसी लकड़ी की सहायता से खोद लेना चाहिए। ध्यान रहे कि जड़ में लोहा नहीं छूना चाहिए। इसे सुखाकर पीस लेते हैं। यह चूर्ण लगभग एक ग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ खाएं इससे श्वास रोग दूर हो जाता है।
  • अपामार्ग (चिरचिटा) का क्षार 0.24 ग्राम की मात्रा में पान में रखकर खाने अथवा 1 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से छाती पर जमा कफ छूटकर श्वास रोग नष्ट हो जाता है।


Best Benefits Of Corn (Bhutta) For Skin, Hair And Health

Corn, also known as maize or our good old (Bhutta/Makkai/Challi) in Hindi, ‘Mokka Jonnalu‘ in Telugu, ‘Makkacholam‘ in Tamil, ‘Cholam‘ in Malayalam, ‘Musukina Jola’ in Kannada, ‘Makkai‘ in Gujarati, ‘Makai‘ in Marathi and Punjabi and ‘Butta‘ in Bengali. Corn is a large grain plant which is said to have originated in Mexico and Central America. Though viewed as a vegetable, it is actually a food grain.


The leafy stalk of the plant produces ears, which contain the grains known as kernels. For every kernel on the cob, there is a strand of silk. The white and yellow kernels are most popular, but today, corn is available in red, brown, blue and purple also. The white and yellow hybrids are known as butter and sugar corn which contain both kinds of kernels. This cereal is known for its pleasant taste and its versatility.
Baby corn is available in cans or jars in the supermarkets and is used in Asian cooking. This grain is generally available in summer and can be cooked in a variety of ways. Sweet corn can be used to garnish the fresh rice or cooked with onion and chillies to make an evening snack. It can even be eaten straight out of the maize ears. In India, vendors are often seen selling corn which is known as ‘bhutta’. The best part is that corn is not just delicious, but rich in vitamins, minerals and fiber, thus offering several health benefits.
Corn Benefits:
For simplicity in reading, we have broken down this segment into health benefits of corn followed by the skin and hair benefits.

Health Benefits Of Corn:

In addition to its delicious sweet taste, corn is high in fiber, low in fat and a great source of essential nutrients offering an array of health benefits given below.

1. Good For Digestion:

Corn is high in dietary fiber which comprises of both soluble and insoluble fiber. Soluble fiber helps in blocking cholesterol absorption by turning into a gel-like consistency whereas insoluble fiber prevents constipation and intestinal problems by promoting soft and bulky stool that can move easily through the intestines, reducing the chances of Irritable Bowel Syndrome and diarrhea. Thus, it helps prevent digestive problems like constipation and hemorrhoids as well as colon cancer. Though corn contains both types of fiber, it has a higher content of insoluble fiber.

2. Prevents Anemia:

Anemia is caused due to the deficiency of vitamin B12 and folic acid. Corn contains a significant amount of these as well as iron, which is one of the essential minerals required to form new red blood cells. The deficiency of iron can also cause anemia.

3. Increased Energy:

Corn is considered a starchy vegetable as it contains a high amount of carbohydrates that provide you with short term and long term energy. They also ensure proper functioning of the brain and the nervous system. One cup of corn provides around 29 grams of carbs. This is particularly beneficial for athletes as they require more carbs to optimize exercise performance. Moreover, corn is a complex carb so it gets digested at a slow pace, thus providing you with balanced energy levels that are free of peaks and valleys. It is advisable to eat corn a couple of hours before exercising for lasting energy.

4. Lowers LDL Cholesterol:

Cholesterol is produced by the liver and there are generally two types of cholesterol, HDL or good cholesterol and LDL or bad cholesterol. Bad cholesterol increases due to the intake of fatty food, thus weakening your heart and causing cardiovascular diseases. Sweet corn is rich in vitamin C, carotenoids and bioflavonoids that keep your heart healthy by controlling the cholesterol levels and increasing the flow of blood. Corn oil has an antiatherogenic effect on the cholesterol levels as it lowers the cholesterol levels by reducing the cholesterol absorption by the body, thus preventing atherosclerosis and scavenging the free radicals throughout the body.

5. Facilitates Weight Gain:

Corn is a great option for underweight people, referred to as ‘hard gainers’. They need to increase their caloric intake so as to put on some pounds on their frames. Corn is calorie dense and rich in carbs which helps to bulk up your body. Thus, it can be a healthy addition to your meals if you are underweight. One cup of corn kernels provides as much as 130 calories.

6. Prevents Diabetes And Hypertension:

Organic fruits and vegetables like corn have proven to be effective in reducing the signs of diabetes. The regular consumption of corn kernels assists in the management of non-insulin dependent diabetes mellitus (NIDDM) and protects against hypertension due to the presence of phenolic phytochemicals in whole corn. The phytochemicals regulate the absorption and release of insulin in the body, thus reducing the chances of spikes and drops for diabetic patients and enabling them to maintain a normal lifestyle. Besides, corn is a good source of pantothenic acid. This B vitamin helps in carbohydrate, protein and lipid metabolism. Hence, it prevents stress by supporting the functioning of the adrenal glands.

7. Stronger Connective Tissue:

Connective tissue is comprised of bones, ligaments, tendons, muscles and cartilage. Corn contains the trace mineral manganese that strengthens the connective tissue. In addition to these, manganese keeps the blood sugar levels stable and breaks down carbs and fat to provide energy. A cup of corn provides about 12 percent of the daily recommended value of manganese. Corn also contains a large proportion of minerals like magnesium, iron, copper and phosphorus that are needed for healthy bones. These nutrients prevent your bones from cracking as you grow older.
The yellow kernels of corn contain substances called carotenoids that reduce the risk of macular degeneration i.e. impairment of vision at the center of your line of sight. Beta-carotene helps in producing vitamin A, thus supporting better vision.

9. Anti-cancer Properties:

Research has proved that the antioxidants found in corn can fight and eliminate cancer-causing free radicals. Moreover, this grain is a good source of the phenolic compound, ferulic acid which is effective in fighting tumors in the breast and liver.

10. Beneficial During Pregnancy:

Being a rich source of folic acid, corn is particularly beneficial for pregnant women. The deficiency of folic acid in pregnant women can cause the birth of underweight infants and also cause neural tube defects at birth. Thus, pregnant women should include corn in their diet as it benefits the health of both the child and the expecting mother. However, in case of high blood pressure or swollen hands or feet, it is advisable to consult the doctor first.

11. Beneficial For Heart:

12. Prevents Alzheimer’s disease:

Corn is a good source of thymine, which is an integral participant in enzymatic reactions central to energy production as well as brain cell/cognitive function. It is also needed for the synthesis of acetylcholine, a neurotransmitter essential for memory and whose deficiency can cause age-related impairment in mental function (senility) and Alzheimer’s disease.

Skin Benefits Of Corn:

Corn is a good source of several vitamins including vitamin C, thiamin and niacin, as well as minerals and antioxidants that play an important role in skin care. Given below are the benefits of corn for the skin.

13. Maintenance Of Healthy Skin:

Yellow corn is a rich source of beta-carotene which forms vitamin A that is vital for the maintenance of a healthy skin. Vitamin C and lycopene are potential antioxidants that prevent the UV generated free radicals from damaging the skin and increase the production of collagen that assists in the maintenance of smooth skin. Besides being eaten, corn can also be applied topically as corn oil which is a rich source of linoleic acid.

14. Prevents Skin Problems:

Corn starch is used as an ingredient in many cosmetic products and can even be applied topically to soothe skin rashes and irritation. Carcinogenic petroleum products can be substituted with corn products in cosmetic preparations as skin creams use petroleum jelly as a base material which can block pores and worsen the skin conditions.

Hair Benefits Of Corn:

The regular consumption of one cup of corn strengthens the hair follicles as it contains potent antioxidants like vitamin C and lycopene which assist in collagen production, thus maintaining smooth hair. Corn oil is particularly beneficial for adding sheen to your hair and numerous other hair care benefits given below.

15. Combats Hair Loss And Dryness:

Corn oil offers a great combination of fatty acids and nutrients such as vitamin E. Thus, the topical application of this oil helps to keep the hair follicles hydrated, well-nourished and prevents premature aging. The antioxidants prevent cell damage by trapping the free radicals. Hence, it is effective in combating dryness and hair fall due to free radical action. It also contains vitamin K that helps in the absorption of calcium, thus preventing hair loss.

16. Maintenance Of Healthy Hair:

Hot oil treatment with corn oil can give you soft and silky hair. It has the right balance of omega-3 and omega-6 fatty acids that controls inflammation and prevents the scalp from becoming dry and flaky. These fatty acids are important constituents of the cell structure facilitating the transport of fat and the deficiency of any of these can cause brittle hair or hair fall. For this purpose, heat corn oil for half a minute and massage it on your scalp with the tip of your fingers. Leave it for 15 minutes and then rinse with shampoo to get soft and lustrous hair.

जानिये भुट्टा खाने के ये 10 फायदे | 10 Best Benefits Of Corn (Bhutta) For Skin, Hair And Health

खाने के इन 10 फ़ायदों को जान गये तो आज से खाने लगोगे, ये कैन्सर, ह्रदय, आँखो की रोशनी, ख़ून की कमी, क़ब्ज़, बालों की समस्या और वज़न बढ़ाने में कारगर हैमक्का या भुट्टा एक साबुत अनाज के रूप में उपयोग होने वाला भारत मेें प्रसिद्ध खाद्यपदार्थ है। मक्का से हमारे शरीर को फाइबर, विटामिन्स, कैरोटिनॉयड्स, फेरूलिक एसिड्स मिलता है जिससे शरीर को आंखो की समस्या, दिल के रोग, कैंसर जैसी बड़ी परेशानियों से दूर रखा जा सकता है।

    • मक्का जिसे हम बोलचाल की भाषा में भुट्टा, मकई और चल्ली भी कहते हैं, एक बहुत ही पौष्टिक खाद्यान है। इसे तेलुगु में ‘मोक्का जोनालु’, तमिल में ‘मक्काचोलम’, मलयालम में ‘चोलम’, कन्नड़ में ‘मुसुकिना जोला, गुजराती में ‘मक्कई’, मराठी में ‘मकई’ और बंगाली में ‘भुट्टा’ कहते हैं। मक्के का पौधा बड़ा और पत्तेदार होता है और मूल रूप से ये मेक्सिको और अमेरिका में उगने वाला पौधा है।
    • आजकल बाजारों में उबले हुए और ज्यादा रस वाले मक्का भी खाने को मिल रहे हैं। इसे हम स्वीट कार्न्स (Sweet Corns) कहते हैं। यह स्वीट कार्न्स फ्रोजन करके पैकेट्स में मदर-डेयरी बूथ्स पर भी उपलब्ध हैं। इसके भी उतने ही फायदे हैं जितने ताजे मक्का के। इन्हे भी हम अपने रोज के भोजन में उपयोग में ला सकते हैं।
    ये तो रही मक्के के बारे में थोड़ी सी जानकारी। पर जरुरी बात ये है की इसके क्या फायदे हैं। तो आईये हम एक नजर डालते है मक्के के गुणकारी विशेषताओं के बारे में।

      मक्का या भुट्टा खाने के 10 फायदे :

      1. वजन बढाने में सहायक – पतले लोगो के लिए, जो वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए मक्का बेहद फायदेमंद है। मक्के में कैलोरी और कार्बोहायड्रेट होता है जो शरीर पर मांस लाता है और वजन बढ़ा देता है
      2. पाचन के लिए लाभदायक – मक्के में पाए जाने वाले फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं। इसके सेवन से पेट के कई विकार जैसे बदहजमी, कब्ज, गैस इत्यादि दूर रहते हैं
      3. दिल का भी रखता है ख्याल – शोध में ये पाया गया है की मक्के के तेल के सेवन से धमिनियों में जमा कोलेस्ट्रोल नष्ट होता है साथ ही मक्के के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड से ह्रदयघात का खतरा (heart problems) न के बराबर हो जाता है।
      4.  तेज करता है आँखों की रोशनी – मक्के के दाने में कैरोटिनोयाड्स (Carotenoids) नामक तत्व पाए जाते हैं। मक्के के दाने में मौजूद ये कैरोटिनोयाड्स रेटिना पे लाभकारी प्रभाव डालते हैं जिसके फलस्वरूप आँखों की रौशनी ठीक रहती है। मक्के में विटामिन ए भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के दृष्टि दोष होने से रोकता है।
      5. एंटी कैंसर विशेषताएं – शोध में पता चला है की मक्के में पाए जाने वाले एंटीओक्सिडेंट्स कैंसर से लड़ने की क्षमता रखते हैं। मक्के में मौजूद फेरुलिक एसिड (Ferulic Acid) स्तन और लीवर के ट्यूमर्स को नष्ट करता है और स्तन कैंसर और लीवर के कैंसर के होने की संभावनाओं को काफी हद तक कम कर देता है।
      6. गर्भावस्था के दौरान भी लाभदायक – चूँकि मक्के के दाने में फोलिक एसिड पाया जाता है इसलिए ये गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। गर्भवती महिलाओं में अगर फोलिक एसिड की कमी हो तो जन्म लेने वाला बच्चा कमजोर और कुपोषित हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को तो मक्के को अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए।
      7. अल्झाइमर रोग की भी करता है रोकथाम – मक्का थायमिन (Thymine) का भी एक प्रमुख स्त्रोत है। थायमिन की कमी से दिमाग में होने वाली कई क्रियाएं बाधित होती हैं जिसके फलस्वरूप कई तरह की दिमाग सम्बंधित बिमारी होने के ख़तरा होता है। अल्झाइमर का रोग भी इनमे से एक है।
      8. बालों के लिए भी उपयोगी – एक कप मक्के के रोजाना सेवन से हेयर फोलिक्ल मजबूत बनते हैं और बाल गिरने, और बालों के रूखे होने जैसी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। मक्के मे मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व विटामिन ए और लाइकोपिन (Lycopine) बालों को सुलझा और मजबूत बनाते हैं। मक्के के रोजाना सेवन बालों की समस्याएं न के बराबर हो जाती हैं।
      9. तुरंत उर्जा देने वाल स्त्रोत – मक्के में भरपूर मात्रा में स्टार्च और कार्बोहायड्रेट मौजूद होते है जो तुरंत ऊर्जा देने के साथ साथ लम्बे समय तक आपको उर्जावान बनाने में सहायक होते हैं। एक कप मक्के में 29 ग्राम कार्बोहायड्रेट होता है।जिम इंस्ट्रक्टर और डायटीशियन, वर्कआउट करने से पहले मक्का खाने की सलाह देते हैं, क्यूंकि मक्के के सेवन से बहुत जल्दी ही देर तक काम करने की उर्जा मिलती है।
      10. एनीमिया होने से बचाता है – एनीमिया विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी से होता है। मक्के में ये दोनों तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मक्के में आयरन भी प्रचुर मात्र में होता है जो नए रेड ब्लड सेल का निर्माण करता है।