Friday 5 February 2016

The important things to note after abortion (गर्भपात के बाद ध्यान रखें ये जरूरी बातें)

गर्भपात शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है। गर्भपात के समय और बाद में शरीर को भयानक दर्द सहन करना पड़ता है। इस दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। ऐसे में अधूरे गर्भपात या संक्रमण का खतरा बना रहता है। हम उन जरूरी बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिनके गर्भपात के समय होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में यह जानना भी बेहद जरूरी है कि डॉक्टर की मदद किस समय ली जाये।

1. ज्यादा खून का बहना (हेवी ब्लीडिंग) More bleeding (heavy bleeding)


सभी महिलाओं के साथ यह समस्या नहीं होती, लेकिन कुछ मात्रा में खून बहना सामान्य है। कई बार गर्भपात के केस में तीन-चार हफ्तों बाद तक ब्लीडिंग होती रहती है। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि कब आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी। यदि आपको बार-बार सैनिटरी पैड की जरूरत पड़ रही है तो इसे सामान्य नहीं समझा जा सकता। इसके अलावा, यदि आपको सिर हल्का लग रहा है, चक्कर आ रहे हैं और बड़े थक्के बन रहे हैं आदि स्थितियां किसी आंतरिक चोट का का संकेत हो सकती है, जिसकी वजह गर्भपात के दौरान की कोई चूक जिम्मेदार हो सकती है। ऐसे में आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिये।

2. गर्भपात के बाद दर्द होना (Pain after abortion)


गर्भपात से पहले गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है और धीरे-धीरे यह अपने सामान्य आकार में आ जाता है। कभी-कभी इस दौरान माहवारी के दर्द से भी खतरनाक दर्द होता है। अक्सर महिलाओं को गर्भपात के तीसरे-चौथे दिन थक्के बनने की शिकायत होती है। इस दर्द से निजात पाने में गर्म द्रव्यों का सेवन और गर्म पानी के थैले का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन यदि इन सबके बावजूद भी दर्द कम नहीं होता तो आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिये। इसके पीछे गर्भपात के समय बरती गई असावधानी हो सकती है।

3. संक्रमण की समस्या (The problem of transition)

गर्भपात के बाद अपने गर्भाशय की ग्रीवा (गर्दन) आंशिक रूप से खुली रह सकती है, जिसकी वजह से मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है। इससे बचने के लिये रूई का फाहों का इस्तेमाल करने, सार्वजनिक पूल (तालाब आदि), बाथ टब का इस्तेमाल और संभोग (सेक्सुअल इंटरकोर्स) से बचना चाहिये। ऐसे में सामान्य से अधिक दर्द हो तो गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर व्यवस्थित चैकअप कराना चाहिये। यदि गर्भपात के बाद दो-तीन दिनों के बाद भी आपको गर्भाशय संक्रमण की समस्या है तो इसके लिये जितनी जल्दी पहचान हो सके उतना बेहतर होगा और इसका इलाज एंटीबायोटिक्स के जरिये किया जाना चाहिये।

Health Benefits Of Sugar Apple (एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर शुगर एप्पल यानी सीताफल)

एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर
शुगर एप्पल यानी सीताफल में प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट यानी विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है। विटामिन-सी में शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति यानी इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाने की क्षमता होती है। तो हर दिन एक बार सीताफल खाइए और बीमारियों को प्राकृतिक रूप से दूर भगाइए।
When you say Sugar  Apple, most people have never heard of this fruit.  Most think, it’s an apple with some sugar on it, which is far from what it is!  Sugar apple is rich in vitamin C which helps in neutralizing the free radicals in the body. Learn more health benefits we can get from sugar apple.


The sugar-apple is a relative of the soursop (guyabano). It is smaller in size and has no soft spikes. Like the soursop it also has sweet, delicious and creamy white flesh and black seeds. The taste is described as a cross between a pear and a coconut. Sugar-apple is one of the fruits that contain protein.

1. Helps prevent asthma (Vitamin C – 151%)

If you’re suffering from asthma, sugar-apple may be good for you. Eating sugar-apple can supply an excellent amount of vitamin C, one of the potent anti-oxidants which may help decrease the risk of developing asthma, a common airway inflammation.2. Helps control sugar levels (Fiber – 44%)2. Two sugar-apples can provide over half of the DV of fiber. Dietary fiber has shown to slow down the absorption of sugar in the body and a high fiber diet has been linked with a lower risk of developing type-2 diabetes.

3. Keeps the heart healthy (Vitamin B6 – 25%)

How can the sugar-apple apple be heart-friendly? Through its rich vitamin B6 content. This B vitamin has been found to prevent homocystein build-up. A high level of this amino acid in the blood is associated with a higher risk of coronary heart disease and stroke.

4. Lowers blood pressure levels (Potassium – 18%)

It is also rich in potassium, the mineral known to regulate blood pressure levels by controlling the effects of sodium in the body.

5. Helps the body produce energy (Thiamin – 18%)


Feeling a little tired? Sugar-apple is a good source of thiamin, a nutrient which helps sugar turn into energy.

Wednesday 3 February 2016

लहसुन एक बहुत लाभकारी घरेलु औषधि (Garlic is a very profitable domestic drug)

लहसुन एक बहुत लाभकारी घरेलु औषधि
1. मोटापा, जोड़ों के दर्द, सूजन और आर्थराइटिस जैसे गंभीर रोगों से मुक्ति पाने के लिए खाली पेट सुबह 5 ग्राम लहसुन की 3 कलियां छीलकर पानी के साथ निगलें । एैसा करने से आप इन रोगों से बचोगे।
2. दांतों के दर्द में लहसुन के रस में रूई भिगोकर दांतों के बीच में रखें। दांत दर्द में राहत मिलेगी।
3. श्वास और दमा संबंधी रोगों के लिए 20 ग्राम शहद में 5 ग्राम लहसुन का रस डालकर उसे हलके गरम पानी में मिला लें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें आपको लाभ मिलेगा।
4. पेट दर्द होने पर आधा चम्मच लहसुन का रस 4 चम्मच पानी में घोलकर उसमें हल्का सेंधा नमक डालें। उसका सेवन करने से पेट दर्द में राहत मिलती है।
5. पेट का कैंसर यानि कोलन कैंसर से दूर रहने के लिए नियमित रूप से लहसुन का प्रयोग करते रहें।