Friday 30 December 2016

सर्दी के मौसम में खाएंगे अलसी के लड्डू, नहीं होंगी ये बीमारियां Amazing benifit of Alsi ke-Laddu in winter-season

अलसी में मौजूद घुलनशील फाइबर प्राकृतिक रुप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है 

 सर्दी के मौसम में सर्दी, जुकाम, हाथ-पैंरों और जोड़ों में दर्द की समस्या कई लोगों को होती है। इस मौसम में हमे गर्मागम चीजें अच्छी लगती है। सर्दियों में आप अपने खाने के शेयड्यूल में कुछ बदलाव करके इन बीमारियों से बच सकते है। सर्दी के मौसम में खुद को गर्म रखने के लिए गर्म तासीर वाला भोजन करना बहुत जरूरी है। आज हम आपको ऐसी एक स्वादिष्ट खाने की चीज के बारे में बताने जा रहे है जो आपको स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद है।

अलसी के नियमित सेवन से नहीं होती कब्ज, खांसी
वो स्वादिष्ट चीज है अलसी के लड्डू। सर्दी के मौसम में असली के लड्डू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। सर्दियों में रोज सुबह अलसी के लड्डू खाने से बॉडी को ताजगी और स्फूर्ति का अहसास होता है। यह हमारी बॉडी को इतनी ताकत देता है कि इस मौसम में होने वाली कई बीमारियों तो यूं ही गायब हो जाती है। इसके अलावा इसके नियमित सेवन से आप कब्ज, खांसी आदि बीमारियों से बचे रहते हैं। यहीं नहीं अलसी शरीर के अंदर मौजूद अतिरिक्त फैट कम करने में असरदार है।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है अलसी
यह हमारे बॉडी के वजन को नियंत्रित करने का भी काम करती है। अलसी में मौजूद घुलनशील फाइबर प्राकृतिक रुप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है। अलसी में अल्फा लाइनोइक एसिड अर्थराइटिस, अस्थमा, डायबिटीज और कैंसर से लडऩे में मदद करता है। इसके अलावा अलसी के लड्डू में ओमेगा-3 फैटी एसिड पया जाता है जो कि हमारी बॉडी को इन बीमारियों से लडऩे की ताकत देता है। इस तरह आप अलसी के लड्डू खाकर अपने आप सर्दियों में इस तरह की कई बीमारियों से बचा सकते हैं।

गर्भावस्था में ऐसा हो आपका आहार Diet-Fitness-in-Pregnancy follow this diet chart

गर्भवती महिला को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह जो भी खाती हैं उससे बच्चे को पोषण मिलता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए 




मांं बनने का अहसास ही अनोखा होता है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिला को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह जो भी खाती हैं उससे बच्चे को पोषण मिलता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट तमन्ना नारंग ने गर्भवती महिलाओं के आहार के संबंध में ये सुझाव दिए हैं :

प्रोटीन : गर्भावस्था के दौरान बच्चे और प्लेसेंटा के विकास के लिए प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। यह जी मिचलाने और थकान से भी लडऩे में मददगार है। महिला को कितना प्रोटीन लेना चाहिए, यह महिला के वजन पर निर्भर करता है। सी फूड, लीन मीट, दाल, अंडा, दूध, बीन्स, अनसाल्टेड नट और सीड्स इसका अच्छा स्रोत है।

उपयोगी सुझाव : 90 प्रतिशत गर्भवती भारतीय महिलाओं में प्रोटीन की कमी है। प्रोटीन की मात्रा या कमी से संबंधित जानकारी के लिए पोषण विशेषज्ञ से संपर्क करें। चिकित्सक भी प्रोटान से संबंधित खुराक के बारे में बता सकते हैं।

आयरन : आयरन खून की कमी और संक्रमण से बचाता है। यह बच्चे और उसके दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूरे गर्भावस्था के दौरान और अतिरिक्त रूप से 760 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। लीन मीट, स्किनलेश चिकन, मछली अच्छी तरह से पके अंडे, दाल, हरे पत्तीदार सब्जियां, फलियां, मेवा और अनाज आदि आयरन के अच्छे स्रोत हैं।

उपयोगी सुझाव : शरीर में अच्छी तरह से आयरन की आपूर्ति के लिए विटामिन सी युक्त फलों का भोजन के साथ या भोजन करने के फौरन बाद सेवन करें। चाय पीने के एक घंटे बाद या एक घंटे पहले आयरन से समृद्ध आहार लेने से बचें।

कैल्शियम : मां के खून में कैल्शियम की आपूर्ति होने से बच्चे के शरीर की हड्डियां अच्छी तरह से विकसित होती है। बच्चे के दिल, नसों और मांसपेशियों का विकास कैल्शियम पर निर्भर करता है, अगर मां कैल्शियम को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले रही है तो फिर उसकी हड्डियों के भी कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान रोजाना 200 मिलीग्राम कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (स्किम्ड मिल्क, पनीर, दही), खाने लायक हड्डियां युक्त मछलियां जैसे सार्डिन, टोफू, नाश्ते में अंकुरित अनाज, ब्रेड, रोटी, साबूत बादाम, संतरे, सूखे मेवे जैसे अखरोट और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।

उपयोगी सुझाव : कैल्शियम सबसे जरूरी खुराक है। यह गर्भावस्था के दौरान मां की पोषण की जरूरतों को पूरा करता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने से भी शरीर में कैल्शियम की

आपूर्ति होती है।