Monday 10 October 2016

पत्तागोभी (Cabbages)- सुपर फ़ूड और जटिल रोगो का समाधान

पत्तागोभी देखने में जितनी साधारण हैं उतनी ही गुणों में अमृत के समान हैं, अनेक कष्ट साध्य रोग जैसे कैंसर, कोलाइटिस, हार्ट, मोटापा, अलसर, ब्लड क्लॉटिंग रक्त के थक्के जमने में, उच्च रक्तचाप, नींद की कमी, पथरी, मूत्र की रुकावट में पत्तागोभी बहुत लाभकारी हैं। इसकी सब्जी घी से छौंककर बनानी चाहिए। पत्तागोभी को करमकल्ला के नाम से भी पुकारा जाता हैं। इसका रस, सलाद और सब्जी सभी गुणकारी हैं। आइये जाने इसके प्रयोग और उपयोग की विधि।

कैंसर में पत्तागोभी का प्रयोग ।
प्रात: खाली पेट सब से पहले कम से कम आधा कप पत्तागोभी का रस नित्य पियें। इससे आरंभिक अवस्था में कैंसर, बड़ी आंत का प्रदाह ठीक हो जाता हैं। यदि कैंसर पुराना हो और बड़ी स्टेज पर हो तो दिन में 3-४ बार पत्तागोभी का एक एक कप रस देना चाहिए। अनेक शोधो में सिर्फ पत्तागोभी के रस से असाध्य कैंसर को सही करने की बात कही गयी हैं। इसलिए कैंसर के मरीजों को ये ज़रूर पीना चाहिए।

कोलाइटिस Colitis (वृहद आंतरिक प्रदाह) में पत्तागोभी का प्रयोग
आज का विज्ञान जहाँ कोलाइटिस को सही करने में असमर्थ हैं वही पत्तागोभी इसको सही करने में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस रोग में आंतो में सूजन आ जाती हैं। बार बार शौच जाना पड़ता हैं, मल के साथ तीव्र बदबू आती हैं और मल करते समय बहुत कष्ट होता हैं, मानो जान ही निकल जाए। इस रोग में एक गिलास छाछ में चौथाई पालक का रस, एक कप पत्तागोभी का रस मिलाकर नित्य दिन में दो बार सुबह और दोपहर में पियें। कुछ ही दिनों में कोलाइटिस ठीक हो जाती हैं।

कोलाइटिस Colitis के लिए अन्य प्रयोग।
दो दिन उपवास रखे। उपवास में केवल छाछ ही पियें। तीसरे दिन खाली पेट एक गिलास पानी, तीन चम्मच शहद डालकर इसमें आधा निम्बू निचोड़े और पियें। नाश्ते में एक कप गाजर का रस, भोजन में दही, एक कप गाजर का रस, चौथाई कप पालक का रस, और एक कप पत्तागोभी का रस मिलाकर पियें। शाम को भोजन में पपीता खाएं। ये प्रयोग उपवास के बाद जितने रोज़ हो सके करना चाहिए। एक सप्ताह में पूर्ण आराम मिल सकता हैं।

हृदय रोगो में पत्तागोभी का प्रयोग ।
एक कप पत्तागोभी के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य दो बार पीने से सीढियाँ चढ़ते समय दम फूलना, धड़कन तेज़ होना, हृदय की दुर्बलता आदि ठीक हो जाती हैं। रोगी को यह 2-३ महीने तक निरंतर करना चाहिए। अगर रक्त के थक्के भी जम गए हैं तो इसका निरंतर नित्य प्रयोग बहुत लाभ देता हैं।

मोटापे में पत्तागोभी का प्रयोग।
मोटे व्यक्तियों को पत्तागोभी का रस एक कप रस में आधा कप पानी मिलाकर पीना चाहिए। दिन में दो बार पीना चाहिए। इसे पीने से मोटापा कम होता हैं।

पायोरिया में पत्तागोभी का प्रयोग ।
पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम नित्य खाने से पायोरिया व् दांतो के अन्य रोगो में लाभ होता हैं।

बाल गिरना – गंज में पत्तागोभी का प्रयोग।
पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं। बाल गिरते हो, गंज हो गयी हो तो पत्तागोभी के रस से बालो को तर करके मले और 10 मिनट बाद सर धोएं। नित्य कुछ सप्ताह तक करने से लाभ होगा।

घाव (अलसर) में पत्तागोभी का प्रयोग।
पत्ता गोभी का रस आधा गिलास, आधा गिलास पानी मिला कर पीने से कैसे भी घाव सही होते हैं। घावों पर इसकी पट्टी भी की जा सकती हैं।

परिणाम शूल (पेप्टिक अलसर) में पत्तागोभी का प्रयोग।
पत्तागोभी का रस दिन में तीन कप सुबह दोपहर शाम में पियें। ध्यान रहे पत्तागोभी का ताज़ा रस ही काम करता हैं। कम से कम 2 से ३ सप्ताह तक पीना चाहिए। अवश्य लाभ होता हैं। इसके कच्चे पत्ते भी खा सकते हैं।

कब्ज में पत्तागोभी का प्रयोग।
पत्तागोभी के कच्चे पत्ते खाने से पुराना कब्ज़ दूर हो जाता हैं। यह शरीर में व्याप्त विजातीय पदार्थ, दोषपूर्ण पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

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